नौकरानी और मालिक की अनोखी प्रेम कहानी
नौकरानी और मालिक की अनोखी प्रेम कहानी
नौकर अपने मालिक की हर बात मानता है और कभी भी उसके साथ नहीं बैठता. नौकर को अपने मालिक से इश्क करने की भी इजाजत नहीं होती, क्योंकि मालिक, मालिक होता और नौकर, सिर्फ एक गुलाम. लेकिन सविता नाम की एक नौकरानी ने एक जुर्रत की, जो उसे मौत के रूप में चुकानी पड़ी. सविता ने अपने मालिक के बेटे निहाल से प्यार कर लिया.
अब ये प्यार एक तरफा था या दोनों तरफ़ा, आंगे पता चलेगा. सविता जब छोटी थी, तो अपनी मां के साथ निहाल के घर पर काम किया करती थी उस समय निहाल भी सविता की उम्र का ही था. दोनों बचपन में खूब खेला करते थे. कब ये दोनों खेलते खेलते बड़े हो गए, पता ही नहीं चला. एक दिन निहाल और सविता एक दुसरे का हाँथ पकड़ कर घूम रहे थे, तभी निहाल के पापा ने उन्हें देख लिया. उन्होंने निहाल को विदेश पढ़ने के लिए भेज दिया. निहाल ने सविता से उसका इन्तेजार करने को कह कर विदेश रवाना हो गया.
10 साल के बाद जब निहाल वापस आया तो यहाँ सब कुछ बदल चुका था, सविता की मां मर चुकी थी और अब सविता भी जवान हो गई थी और उनके घर पर काम किया करती थी.
जब निहाल वापस आया तो सविता बहुत खुश थी, लेकिन निहाल अब पूरी तरह से बदल चुका था. सविता रोज उसके आंगे पीछे मंडराती रहती, लेकिन निहाल उसकी तरह देखता भी नहीं था. सविता ने 10 साल उसके इन्तेजार में बिताये थे. क्योंकि वो निहाल से सच्चा प्यार करती थी, 10 साल पहले निहाल भी उससे प्यार किया करता था, लेकिन अब नहीं. सविता को भनक लग गई थी कि उसकी नजर में उसके लिए प्यार नहीं वासना छुपी हुई है. जब सविता निहाल के कमरे सफाई करने जाती तो वो उसे गन्दी नजर से देखता. और कभी कभी उसे छेड़ भी दिया करता था. सविता को ये अच्छा नहीं लगता था. निहाल के पिता भी कुछ नहीं बोलते थे.

एक दिन मौका पाकर निहाल ने सविता की इज्जत को नीलम कर दिया, अब सविता किसी को मुहं दिखाने के काबिल न थी. उसे अपने सच्चे प्यार का ऐसा सिला मिला, ये कोई नहीं जनता था. इस हादसे के बाद सविता काम ने आना बंद कर दी और अपने शरीर को त्याग दिया.
जब निहाल उसके घर पंहुचा तो देख कर दंग रह गया, सविता उससे इतना ज्यादा प्यार करती थी, कि उसका घर इस बात का साबुत था. बचपन में जो-जो तोहफे निहाल ने सविता को दिए थे वो सब वहां संभाल कर रखे हुए थे. बचपन की हर छोटी से छोटी यादें उस घर में मौजूद थीं. निहाल को अपनी गलती का एहसास हो गया, लेकिन उसे उसकी गलती जीने नहीं दे रही थी. एक दिन उसने भी आत्महत्या कर ली. और इस तरह सविता और मालिक की प्रेम कथा ख़त्म हो गई.
नौकर अपने मालिक की हर बात मानता है और कभी भी उसके साथ नहीं बैठता. नौकर को अपने मालिक से इश्क करने की भी इजाजत नहीं होती, क्योंकि मालिक, मालिक होता और नौकर, सिर्फ एक गुलाम. लेकिन सविता नाम की एक नौकरानी ने एक जुर्रत की, जो उसे मौत के रूप में चुकानी पड़ी. सविता ने अपने मालिक के बेटे निहाल से प्यार कर लिया.
अब ये प्यार एक तरफा था या दोनों तरफ़ा, आंगे पता चलेगा. सविता जब छोटी थी, तो अपनी मां के साथ निहाल के घर पर काम किया करती थी उस समय निहाल भी सविता की उम्र का ही था. दोनों बचपन में खूब खेला करते थे. कब ये दोनों खेलते खेलते बड़े हो गए, पता ही नहीं चला. एक दिन निहाल और सविता एक दुसरे का हाँथ पकड़ कर घूम रहे थे, तभी निहाल के पापा ने उन्हें देख लिया. उन्होंने निहाल को विदेश पढ़ने के लिए भेज दिया. निहाल ने सविता से उसका इन्तेजार करने को कह कर विदेश रवाना हो गया.
10 साल के बाद जब निहाल वापस आया तो यहाँ सब कुछ बदल चुका था, सविता की मां मर चुकी थी और अब सविता भी जवान हो गई थी और उनके घर पर काम किया करती थी.
जब निहाल वापस आया तो सविता बहुत खुश थी, लेकिन निहाल अब पूरी तरह से बदल चुका था. सविता रोज उसके आंगे पीछे मंडराती रहती, लेकिन निहाल उसकी तरह देखता भी नहीं था. सविता ने 10 साल उसके इन्तेजार में बिताये थे. क्योंकि वो निहाल से सच्चा प्यार करती थी, 10 साल पहले निहाल भी उससे प्यार किया करता था, लेकिन अब नहीं. सविता को भनक लग गई थी कि उसकी नजर में उसके लिए प्यार नहीं वासना छुपी हुई है. जब सविता निहाल के कमरे सफाई करने जाती तो वो उसे गन्दी नजर से देखता. और कभी कभी उसे छेड़ भी दिया करता था. सविता को ये अच्छा नहीं लगता था. निहाल के पिता भी कुछ नहीं बोलते थे.

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जब निहाल उसके घर पंहुचा तो देख कर दंग रह गया, सविता उससे इतना ज्यादा प्यार करती थी, कि उसका घर इस बात का साबुत था. बचपन में जो-जो तोहफे निहाल ने सविता को दिए थे वो सब वहां संभाल कर रखे हुए थे. बचपन की हर छोटी से छोटी यादें उस घर में मौजूद थीं. निहाल को अपनी गलती का एहसास हो गया, लेकिन उसे उसकी गलती जीने नहीं दे रही थी. एक दिन उसने भी आत्महत्या कर ली. और इस तरह सविता और मालिक की प्रेम कथा ख़त्म हो गई.
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ReplyDeleteजिन भाइयों और बहनों को नौकरी की तलाश है । कृपया जरूर पढ़े।
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