Attitude वाली लड़की से प्यार

वो 11th में थी, में 10th में था,
वह चाहती तो मैच परफेक्ट भी था.
पर हमेशा चिड़ी-चिड़ी सी रहती थी मुझसे,
मैं इतना प्यार से पेश आता था,
और वह इग्नोर करती रहती थी मुझे.
माना कि उसके जैसा बम नहीं था,
पर एक बात है कि मैं भी कुछ कम नहीं था.
समझाता था उसे कि इतना भाव खाना अच्छा नहीं होता,
प्रॉब्लम क्या है? मैं जूनियर हूं!
अरे 1 साल के डिफरेंस से कोई लड़का बच्चा नहीं होता.
सबके साथ तो ठीक थी,
पर मेरे साथ ऐसा behavior क्यों था.
यार! उसमें सीनियर होने का attitude था.
टीचर डे के सेलिब्रेशन के दिन वो पहली दफा देखी थी.
सब enjoy कर रहे थे DJ को और वह अपनी धुन में ही मग्न थी.
नजर पड़ी जब उसकी तरफ तो समझ आया,
कि love at first sight क्या होता है.
मेरे चेहरे पर स्माइल आ गई और एहसास हुआ,
कि ऐसा भी कुछ होता है.
मुझे नाम भी नहीं पता था उसका,
मेहरबानी दोस्त की कि नाम मालूम पड़ा.
मैं बस intro करना चाहता था उससे,
पर उसने कभी मौका ही नहीं दिया.
अपनी क्लास की टॉपर थी वो.
हमेशा पढ़ती रहती थी क्लास में भी.
मेरी प्यारी-प्यारी बातें भी,
उसे लगती थी बकवास बड़ी.
हंसती रहती थी वैसे वो
पर मुझे देखकर ही इतना गुस्सा क्यों था?
यार!! उसमें सीनियर होने का एटीट्यूड था.
किसी तरह रोज रोज, उसकी क्लास में घुस जाया करता था.
उसकी क्लास टीचर मेरी सब्जेक्ट टीचर थी.
तो निहारने का सुबह-सुबह,
एक बहाना मिल जाया करता था.
पर मुझे तो उससे बात करनी थी,
सिर्फ देखने से काम कहां बनने वाला था.
तो छुट्टी के टाइम बस की लाइन में उसके,
आज मैं यह मौका आजमाने वाला था.
डर तो लग ही रहा था इतनी भीड़ में बेइज्जती होने का,
पर उसे “Hii” बोल दिया मैंने.
फिर क्या, उसके बाद तो मुझे पता था क्या होना था
नाक पर गुस्सा तो रहता ही था उसके,
जो बाहर आ गया मुझे देखते ही.
पर उसने इस कदर पलट कर देखा ना,
इतने करीब से उसका चेहरा देखा नहीं था पहले कभी.
मैं खो गया, मैं खो गया.
मुझे हो गया, विश्वास
कि मेरी पसंद कितनी ज्यादा अच्छी है.
फिर बाद में Realise हुआ कि वो,
ऊंची आवाज में कुछ कह रही है.
डांट रही थी शायद!
पर उसकी आवाज़ भी मैंने पहली दफा सुनी थी,
और बस एक ख्याल आया
यार!! इसकी आवाज कितनी ज्यादा अच्छी है.
उसका नेचर ही गुस्सैल है,
या उसका behavior मेरे साथ rude था?
यार! लगता है, उसमें सीनियर होने का attitude था.
काफी कोशिश करी मैंने,
कि उस से ढंग से बात हो सके.
पर बार-बार इग्नोर किया उसने,
तो मेरी self respect भी अब रोल में आ गई.
बाद में पता चला मुझे,
कि मेरी सीनियर को भी उसका सीनियर पसंद था.
अब फिर इन सबके बीच में,
मेरा चांस तो बनता ही नहीं था.
फिर एक ख्याल आया,
कि लड़कियां को ज्यादा उनके सीनियर ही पसंद आते हैं.
मैं भी तो कितनों का सीनियर हूं,
तो फिर जूनियर पर ही try मारते हैं.
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