कॉलेज का प्यार
कॉलेज का प्यार
आमिर भाई एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे. जो कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपनी उच्च शिक्षा के लिए आए थे. आमिर के परिवार ने जैसे-तैसे करके आमिर को दिल्ली भेजा था पर वै ज्यादा जेब खर्ची नहीं दे पाते थे. अगर सुबह चाय के साथ पकोड़ा खा लिया, तो पूरे दिन भर का बजट बिगड़ जाता था. अमीर भी घर की हालत को समझता था.
ऐसे तो आमेर जिस स्कूल में था वहां पर लड़के लड़कियां अलग अलग बेंच पर बैठते थे, पर यहां तो माहौल अलग था. यहां पर तो लड़के लड़कियां एक साथ बैठते थे जब आमिर अपनी क्लास में पहली बार गया और वहां एक सुंदर सी कन्या से उसकी मुलाकात हुई उसका नाम अलीना था. अलीना एक उच्च वर्गीय परिवार से थी. और और पढ़ने में बहुत तेज थी. और आमिर भी पढ़ने में बहुत ही तेज था. दोनों क्लास में प्रश्नों पर चर्चा करते थे. और आमिर को धीरे-धीरे अलीना पसंद आने लगी, पर आमिर से क्लास के बाहर नहीं मिल पाता था.
आखिर मिलता भी तो कहा.फिर आमिर ने निश्चय किया, कि वह अलीना से कैंटीन में मिलेगा. और उसी के कारण रोज उसके पैसे कैंटीन में खर्च होने लगे थे और सिलसिला यूं ही चलता रहा और महज 10 दिनों के बाद आमिर के पूरे पैसे खत्म हो गए, आमिर सोच रहा था. कि मैं क्या करूं तभी शाहरुख मियां बोल पड़े. मुझसे ले अमीर लो, अब तो क्या था. आमिर भाई उधारी के पैसे पर जीने लगे थे. और ऐसे ही आमिर के धीरे-धीरे काम चलता रहा. फिर महीना खत्म हुआ और आमिर को जो जेब खर्च मिली थी. वह पूरा उधार चुकता करने में चली गई.और आमिर के पास पैसा नहीं था. और यही सोचते सोचते दुखी होते-होते आमिर अपने रूम की तरफ गया, और अपने छोटे से रूम में जाकर आमिर साइड में रखें बर्तन खोलने लगा. जिसमें कि राशन खत्म हो चुका था. तो अब बात ही थी, कि आमिर के पास ना ही पैसे थे. नहीं राशन. तभी थोड़ी देर बाद,

शाहरुख मियां आए. और पूछा कि भाई बिरयानी खाओगे फ्री में, तो आमिर ने हा कहां. शाहरुख ने बिरयानी लाकर दे दी और दोनों भाइयों ने मिलकर बड़े चाव से खाली खाने के बाद फिर आमिर सोच रहा ही रहा था कि वह कल से अलीना को कैंटीन कैसे ले जाएगा, और यही सोचते सोचत, उसे एकदम से याद आया, कि कल से रमजान चालू हो रहे हैं. कल से तो अलीना और मेरा हम दोनों का रोजा होगा तो कैंटीन का सवाल ही नहीं उठता बस इतना कहते-कहते,
आमिर भाई के चेहरे पर एक जंग जीतने वाली मुस्कुराहट आ गई, फिर अगले दिन कैंटीन की जगह अलीना और वह कॉलेज के कैंपस में मिले फिर धीरे-धीरे दिन बीते गए और शाहरुख मियां रोज उनके लिए खाना लाते, सब कुछ बढ़िया चल रहा था. पर आमिर चाहते थे. की वह जल्दी से जल्दी अलीना के लिए प्यार का इजहार करते पर आमिर हिम्मत नहीं कर पाया. ऐसे ही दिन कटते गए, फिर एक दिन शाहरुख मियां कि आज मेरा भाई बीमार है तो तुम्हें मेरे साथ खाना लेने चलना पड़ेगा, आमिर बोला ठीक है.
वो दोनों खाना लेने के लिए चल दिए एक गली पर जाकर, शाहरुख ने आमिर को कंबल उड़ाया. और हाथ में कटोरा लिया और एक घर वहां जाकर दरवाजा खटखटाया, और जैसी दरवाजा खुला एक लड़की आई. और शाहरुख ने बोला रे माई अल्लाह के नाम पर दे दे और लड़की बोली ठीक है आमिर को लड़की की आवाज बहुत ही जानी पहचानी सी लगी उसने धीरे से ऊपर देखा, तो वह लड़की और कोई नहीं अलीना थी. इसे देखकर आमिर के होश उड़ गए, और आमिर फटाफट घर के और निकला. और रूम पर पहुंचकर शाहरुख में यहां पर बहुत बरसा. फिर अगले दिन शाहरुख में आकर गला बैठा हुआ था, तो उन्होंने आमिर को कहा, कि तुम बोलना, आमिर ने पहले मना किया पर अब सवाल था, पापी पेट का. आमिर जैसे ही अलीना के घर पर गया और कहा अल्लाह के नाम पर दे दे माई.
बस इतना सुनते ही अलीना बोल पड़ी, कौन आमिर अपना कंबल उठाओ और इतना सुनते से ही आमिर दरकार भाग गया, और अलीना ने उसकी शक्ल देख ली अब रूम पर जाकर. आमिर भाई ने जो रोना शुरु किया, की उनसे ये क्या हो गया. अलीना उनके बारे में क्या सोच रही होगी, ऐसे अलीना की दृष्टि में आमिर रईस थे. फिर अगले दिन जैसे तैसे आमिर अलीना के पास गया और अलीना ने उसे कहा, मुझसे दूर रहो. तो आमिर भाई बोले ऐसी बात नहीं है. मुझे साकेत नगर वाले बाबा ने कहा था
कि इस रमजान में अपनी प्रेमिका के हाथ का खाना खाओगे तुम दोनों की शादी हो जाएगी और इतना सुनते ही अलीना हंस पड़ी बोली, कि तुम मुझसे कह देते. मैं ला देती अगर तुम मुझसे प्यार करते हो, इतना सुनकर आमिर शर्मा गया. और फिर कॉलेज खत्म होने के बाद आमिर की नौकरी लग गई और दोनों ने शादी कर ली
आमिर भाई एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे. जो कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपनी उच्च शिक्षा के लिए आए थे. आमिर के परिवार ने जैसे-तैसे करके आमिर को दिल्ली भेजा था पर वै ज्यादा जेब खर्ची नहीं दे पाते थे. अगर सुबह चाय के साथ पकोड़ा खा लिया, तो पूरे दिन भर का बजट बिगड़ जाता था. अमीर भी घर की हालत को समझता था.
ऐसे तो आमेर जिस स्कूल में था वहां पर लड़के लड़कियां अलग अलग बेंच पर बैठते थे, पर यहां तो माहौल अलग था. यहां पर तो लड़के लड़कियां एक साथ बैठते थे जब आमिर अपनी क्लास में पहली बार गया और वहां एक सुंदर सी कन्या से उसकी मुलाकात हुई उसका नाम अलीना था. अलीना एक उच्च वर्गीय परिवार से थी. और और पढ़ने में बहुत तेज थी. और आमिर भी पढ़ने में बहुत ही तेज था. दोनों क्लास में प्रश्नों पर चर्चा करते थे. और आमिर को धीरे-धीरे अलीना पसंद आने लगी, पर आमिर से क्लास के बाहर नहीं मिल पाता था.
आखिर मिलता भी तो कहा.फिर आमिर ने निश्चय किया, कि वह अलीना से कैंटीन में मिलेगा. और उसी के कारण रोज उसके पैसे कैंटीन में खर्च होने लगे थे और सिलसिला यूं ही चलता रहा और महज 10 दिनों के बाद आमिर के पूरे पैसे खत्म हो गए, आमिर सोच रहा था. कि मैं क्या करूं तभी शाहरुख मियां बोल पड़े. मुझसे ले अमीर लो, अब तो क्या था. आमिर भाई उधारी के पैसे पर जीने लगे थे. और ऐसे ही आमिर के धीरे-धीरे काम चलता रहा. फिर महीना खत्म हुआ और आमिर को जो जेब खर्च मिली थी. वह पूरा उधार चुकता करने में चली गई.और आमिर के पास पैसा नहीं था. और यही सोचते सोचते दुखी होते-होते आमिर अपने रूम की तरफ गया, और अपने छोटे से रूम में जाकर आमिर साइड में रखें बर्तन खोलने लगा. जिसमें कि राशन खत्म हो चुका था. तो अब बात ही थी, कि आमिर के पास ना ही पैसे थे. नहीं राशन. तभी थोड़ी देर बाद,

शाहरुख मियां आए. और पूछा कि भाई बिरयानी खाओगे फ्री में, तो आमिर ने हा कहां. शाहरुख ने बिरयानी लाकर दे दी और दोनों भाइयों ने मिलकर बड़े चाव से खाली खाने के बाद फिर आमिर सोच रहा ही रहा था कि वह कल से अलीना को कैंटीन कैसे ले जाएगा, और यही सोचते सोचत, उसे एकदम से याद आया, कि कल से रमजान चालू हो रहे हैं. कल से तो अलीना और मेरा हम दोनों का रोजा होगा तो कैंटीन का सवाल ही नहीं उठता बस इतना कहते-कहते,
आमिर भाई के चेहरे पर एक जंग जीतने वाली मुस्कुराहट आ गई, फिर अगले दिन कैंटीन की जगह अलीना और वह कॉलेज के कैंपस में मिले फिर धीरे-धीरे दिन बीते गए और शाहरुख मियां रोज उनके लिए खाना लाते, सब कुछ बढ़िया चल रहा था. पर आमिर चाहते थे. की वह जल्दी से जल्दी अलीना के लिए प्यार का इजहार करते पर आमिर हिम्मत नहीं कर पाया. ऐसे ही दिन कटते गए, फिर एक दिन शाहरुख मियां कि आज मेरा भाई बीमार है तो तुम्हें मेरे साथ खाना लेने चलना पड़ेगा, आमिर बोला ठीक है.
वो दोनों खाना लेने के लिए चल दिए एक गली पर जाकर, शाहरुख ने आमिर को कंबल उड़ाया. और हाथ में कटोरा लिया और एक घर वहां जाकर दरवाजा खटखटाया, और जैसी दरवाजा खुला एक लड़की आई. और शाहरुख ने बोला रे माई अल्लाह के नाम पर दे दे और लड़की बोली ठीक है आमिर को लड़की की आवाज बहुत ही जानी पहचानी सी लगी उसने धीरे से ऊपर देखा, तो वह लड़की और कोई नहीं अलीना थी. इसे देखकर आमिर के होश उड़ गए, और आमिर फटाफट घर के और निकला. और रूम पर पहुंचकर शाहरुख में यहां पर बहुत बरसा. फिर अगले दिन शाहरुख में आकर गला बैठा हुआ था, तो उन्होंने आमिर को कहा, कि तुम बोलना, आमिर ने पहले मना किया पर अब सवाल था, पापी पेट का. आमिर जैसे ही अलीना के घर पर गया और कहा अल्लाह के नाम पर दे दे माई.
बस इतना सुनते ही अलीना बोल पड़ी, कौन आमिर अपना कंबल उठाओ और इतना सुनते से ही आमिर दरकार भाग गया, और अलीना ने उसकी शक्ल देख ली अब रूम पर जाकर. आमिर भाई ने जो रोना शुरु किया, की उनसे ये क्या हो गया. अलीना उनके बारे में क्या सोच रही होगी, ऐसे अलीना की दृष्टि में आमिर रईस थे. फिर अगले दिन जैसे तैसे आमिर अलीना के पास गया और अलीना ने उसे कहा, मुझसे दूर रहो. तो आमिर भाई बोले ऐसी बात नहीं है. मुझे साकेत नगर वाले बाबा ने कहा था
कि इस रमजान में अपनी प्रेमिका के हाथ का खाना खाओगे तुम दोनों की शादी हो जाएगी और इतना सुनते ही अलीना हंस पड़ी बोली, कि तुम मुझसे कह देते. मैं ला देती अगर तुम मुझसे प्यार करते हो, इतना सुनकर आमिर शर्मा गया. और फिर कॉलेज खत्म होने के बाद आमिर की नौकरी लग गई और दोनों ने शादी कर ली
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